डेढ़ साल के बाद भी धर्म संसद हेट स्पीच मामले में कोई कार्रवाई नहीं ? सुप्रीम कोर्ट की भी दिल्ली पुलिस को परवाह नहीं ? क्यों ? कौन बचा रहा है ? क्यों बचाया जा रहा है? आशुतोष के साथ चर्चा में विनय तिवारी, यशोवर्धन आजाद, फ़िरदौस मिर्ज़ा, राकेश सिन्हा और प्रो अपूर्वानंद
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।