आखिर राममंदिर के उद्घाटन में जाने पर कांग्रेस ने फ़ैसला कर लिया । पार्टी ने तय किया कि खडगे और सोनिया नहीं जायेंगे । क्या इससे कांग्रेस को फ़ायदा होगा या नुकसान ? आशुतोष ने साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, विवेक देशपांडे, अफ़रोज़ आलम, तुषार गुप्ता और शीतल पी सिंह ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।