नागरिकता क़ानून से लेकर भीमा कोरेगाँव मामले पर उद्धव ठाकरे और शरद पवार के बीच मतभेद कितना बड़ा है? यदि दोनों पक्षों में सब ठीक है तो गठबंध सरकार बनने के बाद से ही इस पर बयानबाज़ी क्यों तेज़ हो रही है? कहीं सरकार गिरेगी तो नहीं? यदि ऐसा हुआ तो क्या शिवसेना फिर बीजेपी के साथ सरकार बनाएगी? देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।