वेस्ट यूपी में किसानों का ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है। संजीव बालियान का गाँवों में विरोध सिर्फ एक ट्रेलर है। क्या बीजेपी को भारी नुकसान होगा? आशुतोष के साथ चर्चा में संतोष भारतीय, विनोद अग्निहोत्री, लखन तोमर!
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।