सुशांत सिंह राजपूत मामले की जिस तरह की टीवी कवरेज हो रही है वो कई सवाल खड़े करती है। क्या पत्रकारिता है या फिर हद दर्जे का छिछोरापन! एक चर्चा। आशुतोष के साथ आलोक जोशी, आभा सिंह और अकु श्रीवास्तव।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।