सावरकर माफ़ी माँग काला पानी से बाहर आए ? क्या वो अंग्रेज़ों के विश्वासपात्र थे ? गांधी ने क्या उनको सलाह दी थी ? आशुतोष के साथ चर्चा में आदित्य मुखर्जी और इरफ़ान हबीब ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।