चीन पर भरोसा कर क्या फँस गये मोदी? क्या डिप्लोमेसी पर मोदी की अनुभवहीनता देश पर भारी पड़ी? प्रभु चावला से एक बातचीत।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।