पंद्रह अगस्त को देश प्रधानमंत्री को सुनता है कि वो देश के सामने क्या विजन रखते हैं । इस दिन उनसे उम्मीद देश करता है कि वो राजनीति से दूर रहेंगे लेकिन इस बार वो वोट माँगते दिखे और जनादेश का अनादर करते हुए खुद को 2024 चुनाव में विजयी भी घोषित कर दिया ? क्या ये प्रधानमंत्री को शोभा देता है ? क्या वो नर्वस है इसलिये अभी से माहौलबंदी में लग गये है ?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।