चुनाव ने किसी भी दल को अपनी सरकार बनाने का मौक़ा नहीं दिया । जनमत मिल जुल कर सरकार और संसद चलाने का है । लेकिन टकराव पहले दिन से ही बढ़ता जा रहा है ? ये टकराव क्या रुख अख़्तियार करेगा ? क्या राहुल कुछ बदल पायेंगे ? क्या मोदी बदलेंगे ? क्या और कैसी होगी राजनीति ? आशुतोष ने जाना भूपेन्द्र चौबे से
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।