आखिरकार इमरान खान को जाना पड़ा। शहबाज़ शरीफ को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया है । यह लोकतंत्र की जीत है या एक और बड़े इम्तिहान की तैयारी? फौज इस किस्से से बाहर है या कठपुतलियों के तार उसी के हाथ में थे? पुराने दुश्मन साथ बैठकर सरकार चला लेंगे?