मणिपुर गया 16 दलों का 21 सदस्यीय प्रतिनिधित्व मंडल । दोनों समुदायों - मैतेई और कूकी - से मुलाक़ात की । दोनों का दर्द सुना । आरजेडी सांसद मनोज झा इस दल के सदस्य थे । उनका साफ आरोप था कि हिंसा प्रायोजित थी । और सरकार का इसमे हाथ था । लोग प्रधानमंत्री से भी खासे नाराज़ थे । सुने मनोज झा की ज़ुबानी मणिपुर हिंसा की कहानी ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।