सरकार ने नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय से नेहरू का नाम हटा दिया है। कॉंग्रेस ने इसपर सख्त एतराज के साथ सरकार पर हमला भी किया है। आखिर क्या हो सकता है इस फैसले के पीछे? क्या नाम हटा देने से नेहरू खत्म हो जाएंगे? क्या बीजेपी सरकार का यह फैसला उसकी असुरक्षा दिखाता है? क्या कॉंग्रेस को इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए था? आलोक अड्डा में आज यही चर्चा।