जिग्नेश को जेल से रिहा होना था । कोर्ट से ज़मानत मिल गई । पुलिस ने नया केस दर्ज किया और फिर गिरफ़्तार कर लिया ? जिग्नेश के साथ इतना अत्याचार ? क्यों ? क्या देश में तानाशाही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में राकेश सिन्हा, तहसीन पूनावाला, निशांत वर्मा, प्रभाकर तिवारी और अरविंद सिंह ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।