ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी द्वारा मोदी सरकार के उन पर दबावों का पर्दाफाश करने से पिटारा खुल गया है कि भारतीय मीडिया पर पूर्ण नियंत्रण रखने के लिए क्या किया जा रहा था। मोदी सरकार की आलोचना करने वालों के ट्विटर खातों को बंद करने के लिए उन पर दबाव डालने का उनका खुलासा इस लोकतंत्र में हर स्वतंत्र आवाज के प्रति उनकी असहिष्णुता को दर्शाता है।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।