2019 के लोकसभा चुनाव की विश्वसनीयता पर रिटायर्ड और वरिष्ठ नौकरशाहों ने गंभीर सवाल खड़े क्यों किए? चुनाव आयोग को 30 साल में सबसे ज़्यादा पक्षपाती क्यों बताया। क्या चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा? देखिए आशुतोष की बात में अफ़सरों ने क्यों लिखी चिट्ठी।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।