नागरिकता क़ानून को लेकर सवाल यह है कि कोई कैसे साबित करेगा कि उसका धार्मिक उत्पीड़न हुआ है और सरकार कैसे इसका पता लगाएगी। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।