साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा है कि नाली और शौचालय साफ़ कराना मेरा काम नहीं है। इस पर बीजेपी की इतनी किरकिरी हुई कि पार्टी नेतृत्व ने प्रज्ञा की क्लास ली। प्रधानमंत्री की चेतावनी के बावजूद वह क्यों देती रही हैं विवादास्पद बयान? देखिए आशुतोष की बात में क्या है पूरा मामला।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।