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यूपी दूसरा चरण: मजबूत आंकड़ों के बाद भी भाजपा के लिए दिक्कतें कम नहीं

उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों की आठ लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण के चुनाव में पिछले दो चुनावों के शानदार आंकड़ों और राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन के बाद भी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए परेशानियां कम नहीं हैं। राजपूतों की नाराजगी मेरठ, गाजियाबाद से लेकर नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में भाजपा के लिए सांसत पैदा कर रही है तो अलीगढ़ और गाजियाबाद में प्रत्याशी का विरोध गांव-गांव देखने को मिल रहा है। मेरठ में दो बार से जीतते आ रहे सांसद का टिकट काटकर रामायण सीरियल के राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाने के बाद भी समस्या बनी हुयी है तो बागपत में सहयोगी रालोद के उम्मीदवार के लिए बसपा प्रत्याशी ने मुसीबत खड़ी कर दी है। 
मथुरा में जरुर हेमामालिनी को राहत दिख रही है पर यहां भी बसपा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिलचस्प कर दिया है। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, गाजियाबाद, अलीगढ़, मथुरा, नोयडा और मेरठ में वोट डाले जाएंगे। भाजपा ने 2019 में इनमें से अमरोहा को छोड़कर सभी सीटें जीती थीं। जबकि 2014 के लोकसभा के चुनावों में उसने सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया था।
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योगी ने ली पार्टी नेताओं की बैठक

माना जा रहा है कि पहले चरण में जिस तरह से कम मतदान हुआ है और आठों लोकसभा सीटों से जो रुझान दिखा है उसने भाजपा शीर्ष नेतृत्व की पेशानी पर बल दिया है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को खत्म होने के बाद अगले ही दिन दूसरे चरण की रणनीति नए सिरे से तय करने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में दोनो उप मुख्यमंत्री केशव प्रससाद मौर्य व ब्रजेश पाठक के साथ कई वरिष्ठ मंत्री और राज्य के बड़े नेता मौजूद थे। कहा जा रहा है कि बैठक में किसी तरह का ध्रुवीकरण न होने, विभिन्न जातीय समूहों की नाराजगी और कम मतदान को लेकर चिंता जताया गयी। बैठक के तुरंत बाद पन्ना प्रमुखों को कम से कम 60 मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक लाने का लक्ष्य दिया गया।
पहले चरण के बाद से उग्र हिन्दुत्व पर जोरः सोमवार को मथुरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी सभा में कहा कि अयोध्या और काशी ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है और अब ब्रजभूमि का भी नंबर आने वाला है। उनका इशारा कृष्ण जन्मभूमि को लेकर था। वहीं अलीगढ़ में हाल ही में दिवंगत माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस सपा बसपा के लोग माफिया की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ रहे है। य़ोगी ने कहा कि इनको बोलो कि जाकर और 5 साल पढ़ो कब्र पर फातिहा,वोट तो अब मिलने से रहा। राजस्थान में मुसलमानों के संसाधनों पर पहले हक को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण पर पीएम मोदी के कटाक्ष के वीडियों को भाजपा आईटी सेल यूपी में जोर-शोर से प्रसारित कर रहा है। माना जा रहा है कि पहले चरण के बाद दूसरे चरण की सीटों पर अमरोहा को छोड़ कही भी किसी प्रमुख विपक्षी दल ने मुस्लिम प्रत्याशी नहीं दिया है जिसके चलते ध्रुवीकरण की संभावनाएं फिर नहीं बन पा रही हैं। इसके बाद भाजपा ने बदली रणनीति पर काम करना शुरु किया है।

कई सीटों पर भाजपा प्रत्याशी कर रहे गुस्से का सामना

गाजियाबाद में वोट मांगने गए भाजपा प्रत्याशी अतुल गर्ग और पार्टी के नेताओं को जनता ने खदेड़ कर भगा दिया और मारपीट भी की। इसको लेकर भाजपा की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गयी। अलीगढ़ में कई जगहों पर वर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम पर गांव वाले हमलावर हो गए और जम कर विरोध किया। इन दोनो सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को जनता द्वारा दौड़ाने के वीडियो जम कर प्रसारित हो रहे हैं। मेरठ में स्टार प्रत्याशी अरुण गोविल की सभाओं में महज चंद लोग दिखने लगे हैं तो बुलंदशहर में ठाकुरों के गांवों में भी विरोध में नारेबाजी हुयी है। भाजपा के लिए दूसरे चरण को सबसे मजबूत माना जा रहा था पर वहां भी इस तरह की घटनाएं देखते हुए अब सबसे ज्यादा जोर यहीं लगाना पड़ रहा है। 
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बसपा के चलते कई सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई

गाजियाबाद में ठाकुर प्रत्याशी उतार कर बसपा ने दिक्कत खड़ी की है तो अलीगढ़ में उसने भाजपा के ब्राह्म्ण प्रत्याशी के खिलाफ उसी बिरादरी को टिकट दे दिया है। मेरठ में इसने त्यागी भूमिहार तो बागपत मे गूजर बिरादरी को टिकट दिया है। बुलंदशहर सुरक्षित सीट पर बसपा ने वर्तमान में नगीना से सांसद गिरीश जाटव को उतारा है। कुल मिलाकर जिस तरह से बसपा सुप्रीमों ने दूसरे चरण में प्रत्याशी उतारे हैं उसने इसे कई जगहों पर मुकाबले में ला दिया है। कांग्रेस दूसरे चरण में अमरोहा, बुलंदशहर, गाजियाबाद और मथुरा में चुनाव लड़ रही है। अमरोहा में बसपा के सांसद रहे दानिश अली अब कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। यहां बसपा ने मुजाहिद अली को टिकट दिया हैं। वहीं बुलंदशहर, गाजियाबाद और मथुरा में कांग्रेस के लिए बसपा के प्रत्याशी मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।
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कुमार तथागत
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