देश में गांधी जी के हत्यारे गोडसे और उसके गुरु सावरकर को स्थापित करने की कोशिशें तेज होती जा रही हैं। मुजफ्फरनगर में 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा गोडसे के चित्र के साथ निकाली गई।
प्रधानमंत्री मोदी का 'हर घर तिरंगा' अभियान अब क्या इस स्तर पर पहुँच गया है कि लोगों की अब राष्ट्रवाद की परख इसके आधार पर होगी? जानिए उत्तराखंड बीजेपी प्रमुख ने तिरंगा नहीं दिखने वाले घर की तसवीर लेने को क्यों कहा।
क्या ग़रीबों के राशन के पैसे से जबरन तिरंगा झंडा दिया जा रहा है? आख़िर बीजेपी सांसद ने क्यों कहा कि तिरंगे के लिए ग़रीब के हिस्से का राशन काटा जा रहा है?
पीएम मोदी की घर घर तिरंगा अपील पर देश में नेशनल फ्लैग खरीदने की बाढ़ आ गई है। बीजेपी दफ्तर में तिरंगा झंडा 20 रुपये में बेचा जा रहा है लेकिन इसी तिरंगे के एवज में रेलवे कर्मचारी के वेतन से सरकार 38 रुपये काटने जा रही है। तिरंगे पर हो रही इस राजनीति को नजदीक से जानिए।