स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, 23 जुलाई को बजट की घोषणा के समय एफपीआई ने 2,975 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची और फिर 24 जुलाई को 5,130 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। और फिर गुरुवार को 2,605 करोड़ रुपये मार्केट से निकाले। ये आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं, जानिएः
शेयर मार्केट को लेकर अगर देश का जाना-माना उद्योगपति चेतावनी दे तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने शेयर मार्केट के दलाल हर्षद मेहता के समय की याद दिलाते हुए कहा कि छोटे निवेशक डूब सकते हैं। गोयनका ने सरकार से हस्तक्षेप के लिए कहा है। पूरी जानकारी यहां से लीजिएः
शेयर बाज़ार में भारी गिरावट के बाद कभी उछाल दिखता है तो आप समझते हैं कि यही आख़िरी मौक़ा है। घबराकर बेचने, या खुश होकर ख़रीदने का। तो जाने माने इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट अजय बग्गा के साथ आलोक जोशी की यह बातचीत सुनिए और समझिए कि कैसे आप इस मौक़े का फ़ायदा उठा सकते हैं। ख़ासकर महिलाएँ ज़रूर देखें।
कोरोना के क़हर से खड़बड़ा कर गिरे बाज़ार में अब तरह तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। यह मंदी कब ख़त्म होगी? इसका बुरा असर किस किस पर और कितना होगा? क्या पैसा लगा देना चाहिए? लगाएँ तो कहाँ? बाज़ार के दिग्गज, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और कोटक म्यूचुअल फंड के एम डी और सीईओ नीलेश शाह के साथ आलोक जोशी की एक्सक्लूसिव बातचीत।