सुप्रीम कोर्ट में 24 मई शुक्रवार को मतदान डेटा अपलोड करने के मामले की सुनवाई है। लेकिन केंद्रीय चुनाव आयोग ने बुधवार को इस संबंध में जो हलफनामा दिया है, उसमें बहुत ही अजीबोगरीब कारण फौरन अपलोड न करने और फॉर्म 17 सी का डेटा न देने के लिए बताए गए हैं। लेकिन जो सच निकलकर सामने आ रहा है, उससे चुनाव आयोग की कलई खुल गई है। टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले, मशहूर वकील कपिल सिब्बल और कांग्रेस ने इस पर चुनाव आयोग की चालाकी का पर्दाफाश किया है। जानिए इस पूरी कहानी कोः
अब तो केंद्रीय चुनाव आयोग ही ऐसी IT कंपनी को सोशल मीडिया कैम्पेन के लिये नियुक्त करता मिला है जिसको सीधे सीधे पी एम समेत बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट हैंडल करते देखा जा सकता है जो केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया नामक कैंपेन की संचालक है ! स्वायत्तता क्या शब्द भर है पूछ रहे हैं शीतल पी सिंह
महाराष्ट्र से खबर आई है कि राज्य चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया प्रचार प्रसार के लिये जिस कंपनी का चुनाव किया उसका संचालन बीजेपी की युवा शाखा का महाराष्ट्र इकाई का आईटी सेल का हेड करता है । वही कंपनी बीजेपी के प्रचारात्मक सोशल मीडिया पेजों और केंद्रीय सरकार के इस्पात मंत्रालय के सोशल मीडिया का प्रचार प्रसार भी करती है । यह सिर्फ़ संयोग है या षड्यंत्र? देखिए सुनिये शीतल के सवाल