दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें सीआईसी ने पीएम केयर्स फंड के बारे में सारी सूचनाएं शेयर करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है। लेकिन पीएम केयर्स फंड में पिछले तीन वर्षों में क्या हुआ, जानिएः
प्राइवेट और सरकारी बैंक पूरी कोशिश में हैं कि उन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में टॉप के वकीलों को खड़ा कर लंबी-चौड़ी दलीलें पेश की गई हैं। आप भी जानिए।
शुक्रवार को लोकसभा में आरटीआई संशोधन बिल 2019 पास होने के बाद से ही इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। क़रीब 15 साल की जद्दोहद के बाद जो आरटीआई एक्ट जनता को मिला सरकार ने उसकी धार कुंद करने में 15 साल भी नहीं लगाए। सत्य हिंदी न्यूज़।