कोरोना संक्रमण की जिस तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है उसको लेकर अब एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ही कर दिया है कि यह तो आएगी ही। यानी तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है।
दुनिया भर में जहाँ विशेषज्ञ अब बच्चों के कोरोना संक्रमण के शिकार होने की आशंका जता रहे हैं वहीं दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि ऐसा कोई आँकड़ा नहीं है कि बच्चे अगले किसी लहर में गंभीर रूप से प्रभावित होंगे।
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में साइड इफ़ेक्ट यानी दुष्प्रभाव होने पर नुक़सान की भरपाई की जाएगी।
भारत में कुछ दिनों में ही कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। यह इसलिए कि वैक्सीन की मंजूरी के रास्ते अब साफ़ नज़र आने लगे हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी ऐसा ही कहा है।
कोरोना की वैक्सीन देश में 130 करोड़ की आबादी को एक साथ देना संभव तो होगा नहीं, फिर किस आधार पर तय होगा कि सबसे पहले वैक्सीन किसे लगाई जाए? एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया इसका जवाब देते हैं।
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि 40 दिन की लॉकडाउन की सख़्ती के बावजूद कोरोना वायरस के मामले कम नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जून-जुलाई में इस वायरस से संक्रमण के मामले शिखर पर हो सकते हैं।