जर्मनी में मोदी को चांसलर के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस करनी थी । मोदी के कहने पर सवाल पूछने की इजाज़त नहीं दी गई । क्यों ? क्या उन्हें पत्रकारों के सवालों से डर लगता है या फिर सत्ता का ग़ुरूर है ? क्या ये लोकतंत्र की तौहीन नहीं है या जवाबदेही से बचने की कोशिश ?
मतदान की समाप्ति के बाद एग्ज़िट पोल पर चर्चाएँ जारी हैं। लेकिन इन सबमें एक चीज पर जो चर्चा नहीं हो रही है वह है मीडिया की भूमिका। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर चर्चा क्यों नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 साल में पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस की लेकिन उसमें भी उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसे लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष क्या पूछते सवाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाँच साल के कार्यकाल ख़त्म होने के कगार पर पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, पत्रकारों से कोई सवाल नहीं लिया। उनके बजाय अमित शाह बोलते रहे।