राजनीतिक दलों को चंदा देकर तमाम लोग, कंपनियां, संगठन जबरदस्त टैक्स बचा रहे हैं लेकिन सरकार को इससे नुकसान होता है। उसके खजाने की आमदनी में कमी आती है। 2014 में मोदी सरकार के आने से पहले भी लोग राजनीतिक चंदा देते थे लेकिन वो इतना नहीं था, जिसकी चर्चा की जाती रही हो। लेकिन 2014-15 वित्त वर्ष में जो राजनीतिक चंदा दिया गया, उस पर 170.86 करोड़ की टैक्स छूट प्राप्त की गई। 2021-22 में, राजनीतिक चंदे के लिए टैक्स रियायतें 3,516.47 करोड़ रुपये पहुंच गईं, जो पिछले वित्त वर्ष से 300% अधिक है। और भी बहुत कुछ जानिएः