देश को विकास पथ पर लाने के लिए नरसिंहानंदों को नहीं सिंचित क्षेत्रों को दोगुना और तिगुना करना होता है। लेकिन क्या ऐसा हुआ? क्या ऐसी बढ़ोतरी नफ़रती भाषणों में नहीं हुई है?
लगभग तीन महीने से दिल्ली के पास पंजाब के किसानों के धरने से कई सवाल खड़े होते हैं। इनमें से ज़्यादातर किसान उस पंजाब के हैं, जो हरित क्रांति का केंद्र बना।