पेश किये गये प्रस्ताव में राज्यपाल आरएन रवि पर संविधान तथा स्थापित परंपराओं के खिलाफ काम करने और सदन की गरिमा को कम करने, संसदीय लोकतंत्र में विधायिका की सर्वोच्चता को कम करने का आरोप भी लगाया गया है।
तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके और राज्यपाल आर एन रवि की लड़ाई अब पुलिस तक भी पहुंच गई है। एक डीएमके नेता के बयान की शिकायत गवर्नर दफ्तर ने पुलिस में की है और एफआईआर की मांग की है।
तमिलनाडु की विधानसभा से वॉक आउट करने के बाद राज्यपाल के द्वारा पोंगल के त्योहार के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री स्टालिन को तमिल भाषा में भेजे गए निमंत्रण पत्र में तमिलनाडु के बजाय थमिझगम शब्द के प्रयोग को लेकर सरकार और राजभवन के बीच लड़ाई तेज हो गई है।
राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ विधानसभा में तमिलनाडु छोड़ो के नारे भी लगे। डीएमके के विधायकों ने नारे लगाए कि बीजेपी आरएसएस की विचारधारा को हम पर ना थोपा जाए। लेकिन राज्यपाल के खिलाफ विधानसभा में नारे क्यों लगे?