ताज्जुब होता है कि बाबा गोरखनाथ के चेले बंटोगे तो कटोगे जैसा नारा दे रहे हैं। वही गोरखनाथ जिन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का भेद नहीं किया था।लेकिन आरएसएस ने योगी के साथ मिलकर हिन्दुत्व की राजनीति में इतना जहर घोल दिया है कि बचे हुए धर्मनिरपेक्ष हिंदुओं को अपनी छवि बचाना मुश्किल हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का ओजस्वी लेख पढ़िएः
आज 30 जनवरी है यानी महात्मा गांधी का शहीद दिवस। गांधी की शहादत पर बहस आज भी जारी है। खैर अब तो गोडसे का महिमा मंडन करने वालों की एक पूरी जमात तैयार हो चुकी है। इस लेख में लेखक-पत्रकार अपूर्वानंद ने गांधी को अपने नजरिए से समझने की कोशिश की है।
देश में गांधी जी के हत्यारे गोडसे और उसके गुरु सावरकर को स्थापित करने की कोशिशें तेज होती जा रही हैं। मुजफ्फरनगर में 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा गोडसे के चित्र के साथ निकाली गई।
कमल हासन ने कह दिया कि नाथूराम गोडसे भारत का पहला आतंकवादी था। जिसके विचार और कर्म अतिवादी हों, मर्यादाविहीन हों, हिंसक हों, उसे उग्रवादी ही कहा जाएगा लेकिन किसी हत्यारे को आप आतंकवादी कैसे कह सकते हैं?