आप आजादी को किस नजर से देखते हैं। क्या मुल्क की आजादी सब कुछ है और उसके आगे इंसानी आजादी कुछ भी मायने नहीं रखती। वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी कहते हैं- आज़ादी का मतलब यह नहीं कि फौज और पुलिस को कार्रवाई की छूट रहे और जनता को सहने की। आज़ादी का अर्थ यह भी नहीं है जो धनवान है उसे हर प्रकार से धन जमा करने की आज़ादी हो और जो सामान्य जन है उसे अपने कर का सही मूल्य भी न मिल पाए। पढ़िए उनका विचारोत्तेजक लेखः