दिल्ली ही नहीं देश के कई शहरों में दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है, लेकिन जनता इस बात पर विचार करने को तैयार नहीं है। दक्षिणपंथी संगठन और एक खास राजनीतिक दल के नेताओं ने तो खुलकर पटाखा छोड़ने का समर्थन किया। उन्होंने इसे आस्था से जोड़ दिया। दूसरे नेता ने इस जनता का असहयोग आंदोलन करार दे दिया। सोचिए कि किस तरफ देश और समाज बढ़ रहा है।