नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में एक भी डिटेंशन कैंप नहीं है, जबकि राहुल गाँधी ने कहा है कि असम में ऐसे कैंप हैं और प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं। सच क्या है, कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ? विशेष कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में वरिष्ठ आशुतोष ने इसकी पड़ताल की है। आप भी देखें कि मामला क्या है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही कहें कि देश में एक भी डिटेंशन कैम्प नहीं है, पर असम में 6 कैंप के अलावा दूसरे राज्यों में भी इस तरह के कैंप हैं और नए कैंप बन भी रहे हैं।
विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा विदेशी घोषित तथा डिटेंशन कैंप में मारे गए दुलाल चंद्र पाल के परिवार वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर आगबबूला हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है।
देश का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर असम के ग्वालपाड़ा में बन रहा है और वह भी केंद्र के पैसे से, पर प्रधानमंत्री मान नहीं रहे हैं।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे जोरदार प्रदर्शनों के बाद घिरी केंद्र सरकार देश में बंदी गृह के संबंध में दिये गये बयानों को लेकर भी फंस गई है।