नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हो रहे जोरदार प्रदर्शनों के बाद घिरी केंद्र सरकार देश में बंदी गृह के संबंध में दिये गये बयानों को लेकर भी फंस गई है। कुछ दिन पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि भारत में कोई भी बंदी गृह नहीं है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद कांग्रेस ने उनके दावे को ग़लत बताया था और कहा था कि सिर्फ़ एक गूगल सर्च से पता चल सकता है कि प्रधानमंत्री का दावा ग़लत है। प्रधानमंत्री ने रैली में विपक्षी दलों पर नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया था।
गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है। राहुल गाँधी ने न्यूज़ वेबसाइट बीबीसी हिंदी के एक वीडियो को शेयर करते हुए कहा है कि आरएसएस का पीएम भारत माता से झूठ बोलता है।
इस वीडियो में सामाजिक कार्यकर्ता शाहजहां अली कहते हैं कि वह यह देखने के लिए आए थे कि यहां कोई बंदी गृह है या नहीं। अली कहते हैं कि यहां बंदी गृह है और केंद्र सरकार ने इसके लिए 46 करोड़ रुपये दिए हैं। इसके बाद इस वीडियो में एक और शख़्स दिखाई देता है जो कहता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इसके लिए 40 करोड़ रुपये ख़र्च कर रहा है और 31 मार्च तक 2020 तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा।
RSS का प्रधानमंत्री भारत माता से झूठ बोलता हैं ।#JhootJhootJhoot pic.twitter.com/XLne46INzH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 26, 2019
मोदी ने रैली में कहा था कि यह अफ़वाह फैलाई जा रही है कि नागरिकता संशोधन क़ानून मुसलिमों को उनके नागरिकता के अधिकार से वंचित करने और उन्हें बंदी गृह में भेजने की कोशिश है। मोदी ने रैली में कहा था, ‘किसी मुसलिम को बंदी गृह में नहीं भेजा जा रहा है और न ही भारत में कोई बंदी गृह है। लोग जिस तरह झूठ फैला रहे हैं, उससे मैं हैरान हूँ।’
असम के गोलपाड़ा जिले के मटिया में यह बंदी गृह बनाया जा रहा है। इंडिया टुडे की टीम ने हाल ही में इस बंदी गृह का दौरा किया था और पता चला था कि बंदी गृह का दो-तिहाई काम पूरा हो चुका है। राहुल गाँधी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बंदी गृह को लेकर झूठ बोला है।
एनआरसी पर भी फंसी मोदी सरकार
मोदी ने रैली में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) के मुद्दे पर कहा था, ‘इसे लेकर लोगों को भरमाया जा रहा है। अर्बन नक्सल लोगों को डरा रहे हैं, डिटेंशन सेंटर का भ्रम पैदा किया जा रहा है। नागरिकता क़ानून की तरह ही एनआरसी पर भी झूठ फैलाया जा रहा है। अभी इसको संसद में लाया नहीं गया है, नियम-क़ायदे तय नहीं हुए लेकिन लोगों को बरगलाया जा रहा है।’
इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कई वीडियो को शेयर किया, जिनमें वह 2024 तक देश भर में एनआरसी को लागू करने की बात कह रहे हैं। लेकिन शाह अपनी बात से पलट गए और न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर कोई बात ही नहीं हुई है। इसके अलावा शाह ने इंटरव्यू में कहा था कि असम और कर्नाटक में बंदी गृह हैं जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने रैली में कहा था कि देश में कोई बंदी गृह नहीं है।
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