रोजगार पैदा करने के तमाम दावों के बावजूद बेरोजगारी दर कम होती क्यों नहीं दिख रही है? एक के बाद एक आँकड़े बेरोजगारी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं। जानिए सीएमआईई ने अब ताज़ा आँकड़ों में क्या कहा है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सीएमआईई : जुलाई में 32 लाख बेरोज़गार हो गए । पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर कार्रवाई की सिफ़ारिश
5 अप्रैल 2020 और 9 सितंबर 2020 की दो तारीख़ें ऐतिहासिक रहीं और रहेंगी। दोनों ही अवसरों पर रात 9 बजकर 9 मिनट पर समान तरह का एक्शन देखने को मिला। 9 सितंबर को बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुआ।
लॉकडाउन की घोषणा या उससे पहले नौकरियों के बारे में जिस तरह की आशंकाएँ जताई जा रही थीं, ठीक वैसा ही असर हुआ है। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जुलाई तक 1 करोड़ 89 लाख वेतन भोगी लोगों की नौकरियाँ चली गई हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण का देश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। संक्रमण रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 12 करोड़ से ज़्यादा लोगों की रोज़ी-रोटी छिन गई है।Satya Hindi
लोकसभा चुनाव के बीच ही मोदी सरकार के लिए बेरोज़गारी के मामले में एक और बुरी ख़बर आयी है। सीएमआईई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल के पहले तीन हफ़्ते में बेरोज़गारी दर औसत रूप में 8.1 फ़ीसदी पहुँच गयी है।