बांग्लादेश में एक याचिका दायर कर इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, जिसमें समूह पर "कट्टरपंथी संगठन" होने का आरोप लगाया गया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इस बीच इस्कॉन बांग्लादेश ने पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास से दूरी बना ली है। इस्कॉन ने कहा कि उन्हें पहले ही निकाला जा चुका है।
बांग्लादेश में चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश ने हाई कोर्ट में कहा कि यह एक कट्टरपंथी संगठन है, इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस घटनाक्रम के बाद इस्कॉन ने पूरी दुनिया से अपील की है कि वो बांग्लादेश सरकार से इस मामले में बात करके दखल दे।