कुछ दिन की खामोशी के बाद भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की चर्चा फिर चल पड़ी है। भाजपा जेपी नड्डा की जगह नया अध्यक्ष तलाश नहीं कर पाई है। नड्डा अब केंद्र में मंत्री बन चुके हैं। महाराष्ट्र चुनाव से पहले फडणवीस का नाम भी इस पद के लिए चला था।
उत्तर भारत में भाजपा की आक्रामक रणनीति से तमाम राजनीतिक दल सहमे रहते हैं और वे अक्सर भाजपा की पिच पर भी खेलने लगते हैं लेकिन उसके बरक्स दक्षिण भारत में भाजपाई राजनीति की दल नहीं गलती। तमिलनाडु उसका ताजा उदाहरण है। क्या है इसकी वजहः
आम चुनाव 2024 की तैयारियों के मद्देजर बीजेपी का पूरा ध्यान अपने कमजोर बूथों को मजबूत करने पर है। हालांकि पार्टी खुद को कहीं से भी कमजोर नहीं मानती। लेकिन उसकी आंतरिक समिति ने एक लाख से ज्यादा कमजोर बूथों की पहचान की है।