भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़े बैंक डिफॉल्टर्स को लेकर 8 जून को नियम बदल दिए। उन्हें फिर से लोन लेने और शेयर मार्केट में काम करने की छूट दे दी। पुराने लोन बट्टेखाते में डाले जा रहे हैं। कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं।
प्राइवेट और सरकारी बैंक पूरी कोशिश में हैं कि उन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में टॉप के वकीलों को खड़ा कर लंबी-चौड़ी दलीलें पेश की गई हैं। आप भी जानिए।