अज़ान के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने का विवाद बढ़ता जा रहा है। आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी का कहना है कि उनका इस कार्यक्रम से कोई मतलब नहीं है। लेकिन सवाल ये है कि इस अभियान के पीछे फिर कौन लोग हैं?
अजान से नींद में खलल पड़ने या इससे शोर होने की शिकायत जिस अंदाज में हाल के दिनों में सामने आयी है, उससे यह सवाल उठना लाजिमी है कि समस्या लाउडस्पीकर है या इसके बहाने अजान को निशाने पर लिया जा रहा है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव ने मसजिदों से सुबह की नमाज़ की अज़ान का यह कह कर विरोध किया है कि इससे उनकी नींद टूट जाती है और वे उसके बाद सो नहीं पाती हैं।