बिहार विधानसभा चुनाव का तीसरा और आखिरी चरण अब पूरा होने को है। एनडीए और महागठबंधन दोनों की तरफ से अपनी-अपनी जीत के दावे हो रहे हैं। महागठबंधन ने नीतीश कुमार के ‘आखिरी चुनाव’ वाले बयान के साथ ही उन्हें रिटायर घोषित करने का अभियान चला दिया तो मुख्यमंत्री को बचाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सामने आना पड़ा।
बिहार चुनाव से क्यों ग़ायब रहे अमित शाह?
- राजनीति
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- 6 Nov, 2020

कोरोना और स्वास्थ्य कारणों से शाह का बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेना तो समझ आ सकता है लेकिन उसी दौरान वे पश्चिम बंगाल में चुनाव की हुंकार भरने पहुंच जाते हैं। ममता के गढ़ में ही उन्हें ललकारते हैं। यानी साफ है कि बीजेपी के लिए सबसे मुश्किल होने वाले पश्चिम बंगाल के चुनाव को लेकर वे अभी नड्डा पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं और वहां का चुनाव शाह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने बिहार के मतदाताओं को एक भावुक चिट्ठी लिखकर नीतीश कुमार की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। कोरोना काल में हुए इस चुनाव में वो सब कुछ हुआ जो आमतौर पर चुनावों में होता है लेकिन एक शख़्स की गैर मौजूदगी सबको खलती रही और हैरत में भी डालती रही।