कांग्रेस में हाल के दिनों में चल रही अंदरुनी उथल-पुथल के बीच सोनिया गांधी के 'बाग़ियों' के साथ शनिवार को मिलने की ख़बर है। ये वे 'बाग़ी' हैं जिन्होंने (23 वरिष्ठ नेताओं ने) कांग्रेस में सुधार के लिए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि सोनिया के साथ उस मीटिंग में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी होंगे।
हालाँकि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि बैठक में वे नेता भी शामिल होंगे जिन्होंने चिट्ठी नहीं लिखी थी। दावा किया जा रहा है कि पार्टी की सांगठनिक चुनावों से पहले सोनिया सभी नेताओं से मिल रही हैं।
अगस्त महीने में 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने के बाद काफ़ी विवाद हुआ था। उन्होंने चिट्ठी में नेतृत्व संकट और सांगठनिक बदलाव की बात की थी। इसके बाद मचे उथल-पुथल के बीच एक दिन पहले ही 'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी थी कि सोनिया गांधी और पार्टी के बाग़ी नेताओं के बीच बैठक होने वाली है। रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बाग़ी नेताओं और सोनिया की इस बैठक को करवाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने गांधी परिवार को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं से मिलने के लिए मनाया।
हालाँकि, अब एनडीटीवी ने ही रिपोर्ट दी है कि कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि उस चिट्ठी पर दस्तख़त नहीं करने वाले भी इस बैठक में शामिल होंगे। सोनिया गांधी सांगठनिक चुनावों से पहले अलग-अलग समूहों से मिल रही हैं।
अगस्त में एक पत्र में 23 नेताओं ने 2014 में सत्ता गँवाने के बाद से पार्टी के पतन पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने नेतृत्व पर और सामूहिक निर्णय लेने का आह्वान किया था।
अगस्त महीने में ही जब पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि लोग अब पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मानते और नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे तो अधीर रंजन चौधरी से लेकर सलमान खुर्शीद और कई नेता उन पर हमलावर हो गए थे। तब यह सवाल उठा था कि आख़िर कांग्रेस आलाकमान पार्टी नेताओं के मीडिया में दिए जा रहे इन बयानों को लेकर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करता। क्योंकि इससे पार्टी को तगड़ा नुक़सान हो रहा था।
अपनी राय बतायें