नारायण राणे कभी भी महान या कर्तव्यनिष्ठ नहीं थे। शिव सेना में रहते हुए उनका नाम हुआ। वह भी सत्ता की सीढ़ियां तेजी से चढ़ने के चलते ही। यह सब शिव सेना की इन चार अक्षरों की कमाई है। राणे द्वारा शिव सेना छोड़ने के बाद शिव सेना ने उन्हें लोकसभा व विधानसभा मिलाकर चार बार बुरी तरह से पराजित किया।
‘सामना’ में शिव सेना का हमला, राणे को बताया छेदवाला गुब्बारा!
- राजनीति
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- 25 Aug, 2021
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ दिए गए बयान के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ़्तारी, शिव सैनिकों का प्रदर्शन और बीजेपी के राणे के समर्थन में आने से महाराष्ट्र की सियासत में जबरदस्त हलचल है। इस पर पढ़िए, शिव सेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपा संपादकीय।

इसलिए राणे का अगर थोड़े में वर्णन करना है तो छेद पड़े गुब्बारे जैसा किया जा सकता है। इस गुब्बारे में कितनी भी हवा भरकर उसे फुलाया जाए तब भी वो ऊपर नहीं जाएगा।
लेकिन बीजेपी ने इस छेद पड़े गुब्बारे को फुलाकर दिखाना तय किया है। राणे को कुछ लोग टर्र-टर्र करने वाले मेंढक की भी उपमा देते हैं। राणे मेंढक हों या छेद पड़ा गुब्बारा, लेकिन राणे कौन? ये उन्होंने स्वयं ही घोषित किया, ‘मैं नॉर्मल इंसान नहीं’, ऐसा उन्होंने घोषित किया। फिर वे अॅबनॉर्मल हैं क्या ये जांचना होगा।