बीजेपी के बड़े नेताओं को क्या इस बात का डर सता रहा है कि अब चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पार्टी को वोट नहीं मिलेंगे। इस ओर इशारा करते पार्टी के दो बड़े नेताओं के बयान बीते कुछ दिनों में आ चुके हैं।
पिछले महीने जहां कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने इस बात को कहा था कि केवल मोदी लहर के भरोसे बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकती। वहीं, इस बार केंद्रीय मंत्री और गुड़गांव से सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने इस बात को कहा है।
राव इंद्रजीत सिंह ने बीजेपी के एक कार्यक्रम में बुधवार को कहा, “नरेंद्र मोदी का साया हम पर है, हमारे प्रदेश पर है, मंत्रियों का साया हम पर है, लेकिन सिर्फ़ मोदी जी के नाम पर हमें वोट मिल जाएंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है।”
बड़े क़द के नेता हैं राव
राव इंद्रजीत सिंह भले ही कुछ साल पहले बीजेपी में आए हों लेकिन हरियाणा की राजनीति में उनका बड़ा क़द है। यूपीए की सरकार में मंत्री रह चुके राव इंद्रजीत सिंह पांच बार सांसद और चार बार विधायक रह चुके हैं। उनकी पहचान बेहद संजीदा नेताओं में है जो बहुत सोच-समझकर ही कोई बयान देते हैं।
किसान आंदोलन से खासे प्रभावित हरियाणा के अंदर क्या राव इंद्रजीत सिंह भी इस बात से डरे हैं कि यहां पार्टी की अगले चुनाव में वापसी हो पाएगी या नहीं।
येदियुरप्पा और राव इंद्रजीत सिंह जैसे बेहद अनुभवी नेताओं के एक के बाद एक आए बयान बताते हैं कि बीजेपी में इस बात को लेकर चिंता है कि अब वह वक़्त चला गया है कि जब प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर झोली भरकर वोट मिल जाते थे।
राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी और इसके नेता अहीरवाल यानी दक्षिण हरियाणा के एक छोटे से इलाक़े में सिमट कर रह गए हैं।
45 सीट जीत पाएंगे?
राव इंद्रजीत सिंह ने अपने भाषण में इस पर भी सवाल उठा दिया कि क्या बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 45 विधायकों का आंकड़ा इस बार पार कर पाएगी। बीजेपी 2019 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर सिमट गयी थी लेकिन किसान आंदोलन ने इस बात का डर पार्टी नेताओं के भीतर बैठा दिया है कि तीसरी बार सत्ता में वापसी बेहद मुश्किल हो सकती है।
राव इंद्रजीत सिंह का बयान साफ इसी ओर इशारा करता है। क्योंकि बीजेपी के साथ ही उसकी सहयोगी जेजेपी को भी किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा है।
बीरेंद्र सिंह किसानों के साथ
हरियाणा की कांग्रेस पार्टी की राजनीति में कभी राव इंद्रजीत सिंह और चौधरी बीरेंद्र सिंह बड़े नाम हुआ करते थे। लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सियासी अदावत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते इन नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी थी। लेकिन किसान आंदोलन शुरू होने के बाद से इन नेताओं में बेचैनी दिखाई पड़ती है। चौधरी बीरेंद्र सिंह तो लगातार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।
हाल ही में घोषित हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से चौधरी बीरेंद्र सिंह को बाहर कर दिया गया था।
किसान आंदोलन से परेशान
यह साफ है कि कांग्रेस से बीजेपी में गए इन नेताओं को इस बात की चिंता है कि किसान आंदोलन का जो माहौल प्रदेश के अंदर है, उसमें बीजेपी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भी वोट नहीं मिलेंगे। ऐसे में ये नेता क़तई नहीं चाहेंगे कि उनके या उनके राजनीतिक वारिसों के राजनीतिक करियर पर किसी भी तरह का ख़तरा हो।
रेवाड़ी से आने वाले राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती किरण राव और जींद से आने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह राजनीति में सक्रिय हैं। बृजेंद्र सिंह तो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी हैं।
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