बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने कहा है कि ब्रिटिश शासकों ने भारत को 'सत्याग्रह' के कारण नहीं छोड़ा, बल्कि तब छोड़ा जब उन्होंने मूल भारतीय लोगों के हाथों में हथियार देखे और उन्हें एहसास हुआ कि वे किसी भी हद तक जा सकते हैं। आर्लेकर आरएसएस से जुड़े रहे हैं और अभी भी विचारों में उनके संघ की आस्था झलकती है। इतिहास तोड़ने मरोड़ने के लिए दक्षिणपंथी मशहूर हैं। गोवा पर पुर्तगाली कब्जे का जिक्र करते हुए राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि किसी से डरे बिना इतिहास के बारे में सही नजरिया सामने लाया जाए।
संघ से जुड़े रहे बिहार के गवर्नर की आजादी की लड़ाई पर टिप्पणी देखिये
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025
आरएसएस से जुड़े रहे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने देश की आजादी की लड़ाई के लिए छेड़े गये सत्याग्रह को अपनी टिप्पणी से महत्वहीन कर दिया। उन्होंने कहा कि आजादी का संघर्ष हथियारों से जीता गया है। हालांकि देश यही जानता आया है कि महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण सत्याग्रह से देश को आजादी मिली। तमाम इतिहास लेखकों ने इस बारे में यही लिखा है। लेकिन महात्मा गांधी के आंदोलन के खिलाफ आरएसएस का नजरिया उसके स्वयंसेवकों के जरिये अब सामने आ रहा है। महत्वपूर्ण पदों पर होने के कारण इन स्वयंसेवकों की बातों को मीडिया गंभीरता से लेता है और कोई जांच पड़ताल भी नहीं करता।
