चुरू से भाजपा सांसद राहुल कासवान ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिए जाने के बाद सोमवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की घोषणा की। चुरु को भाजपा अपना गढ़ मानती है। जिसमें वहां के कासवान परिवार की बड़ी भूमिका रही है। लेकिन हालात अचानक बदल गए। ऐसा तब हो रहा है जब विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की है।
BIG BREAKING 🚨
— Ashish Singh (@AshishSinghKiJi) March 11, 2024
Rajasthan BJP MP Rahul Kaswan joined Congress Party presence of Congress President Malikarjun Kharge sir 🔥
Abhi aur MPs aur Leader jo joins karne wala hai aana waqt mein. pic.twitter.com/J2eEwS1rca
राहुल कासवान ने भाजपा, उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को "10 वर्षों तक चुरू लोकसभा परिवार की सेवा करने का अवसर" देने के लिए धन्यवाद दिया।
कासवान का इस्तीफा भाजपा द्वारा राजस्थान की 25 में से 15 सीटों के लिए अपने लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है। चुरु से मौजूदा सांसद की जगह पैरालिंपियन देवेंद्र झाझरिया को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
चुरू संसदीय सीट 2004 के आम चुनावों के बाद से कासवान परिवार के लगातार जीतने के साथ भाजपा के गढ़ में बदल गई है। भाजपा नेता राम सिंह कासवान ने 2004 और 2009 में यह सीट जीती, जबकि उनके बेटे राहुल कासवान ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए यह सीट हासिल की।
मेरा अपराध क्या हैः कासवान
किनके टिकट कटे
जिन मौजूदा सांसदों को आगामी चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ने टिकट से वंचित कर दिया है उनमें राहुल कासवान (चुरू) के अलावा रंजीता कोली (भरतपुर), देवजी पटेल (जालौर), अर्जुन लाल मीणा (उदयपुर) और कनकमल कटारा (बांसवाड़ा) शामिल हैं। अभी कई और टिकट कट सकते हैं। भाजपा ने अभी तक राज्य की 10 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। समझा जाता है कि जल्द ही अगली सूची में बाकी दस नाम आ जाएंगे।
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