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राहुल का जवाब- संसद वाले बयान पर क़ायम हूं

राहुल ने संसद में राष्ट्रपति के संयुक्त अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित तौर पर असंसदीय टिप्पणी के खिलाफ लाए गये विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को अपना जवाब भेजा है।  
लोकसभा सचिवालय को भेजे अपने जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। संसद के अंदर उन्होंने जो भी कहा वह तथ्यों और सबूतों के आधार पर कहा है। और जो कहा है उसके लिए वह माफी नहीं मागेंगे।
लोकसभा सचिवालय की तरफ से राहुल को निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और भाजपा सांसद दुबे द्वारा लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उनके 'भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आरोप-प्रत्यारोपित बयानों' को लेकर पेश किए विशेषाधिकार हनन नोटिस का जवाब दें। इसके लिए उन्हें 15 फरवरी तक का समय दिया गया था।
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झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में कहा था कि कांग्रेस सांसद ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कुछ असत्यापित, आरोप और प्रधानमंत्री की मानहानी करने वाले बयान दिए हैं। इसके लिए उन्होंने संसद के नियम 353 के तहत आवश्यक सदन के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को अग्रिम नोटिस दिए बिना प्रधानमंत्री के खिलाफ यह आरोप लगाए।
राहुल गांधी का यह बयान भ्रामक, अपमानजनक, अभद्र, असंसदीय, अमर्यादित और सदन और प्रधानमंत्री के लोकसभा सदस्य होने की गरिमा के अनुरूप प्रकृति के हैं।
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प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि उनके पास दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं  जरूरत पड़ने पर प्रस्तुत किये जा सकते हैं, उसके बाद भी उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। 
प्रहलाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को इसी तरह का एक पत्र लिखते हुए मांग की थी कि राहुल की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए क्योंकि वे अपमानजनक, अशोभनीय, असंसदीय और अमर्यादित हैं।
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क़मर वहीद नक़वी
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