कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के असंतुष्टों और बाग़ी तेवर अपनाए नेताओं को दो टूक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें निडर लोग चाहिए और जो आरएसएस के हें उन्हें चले जाना चाहिए। समझा जाता है कि उनका यह बयान कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं के लिए है और उन नेताओं के लिए भी जिन्हें 'जी-23' समूह कहा जा रहा है। हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कांग्रेसी रहे जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हुए हैं और उससे पहले मध्य प्रदेश के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बीजेपी में शामिल हुए थे और उन्हें तो अब मंत्री भी बना दिया गया है।
राहुल गांधी शुक्रवार को कांग्रेस की सोशल मीडिया यूनिट के साथ बैठक के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने साफ़-साफ़ नये लोगों को पार्टी में शामिल करने की वकालत की। उनका इशारा बीजेपी-आरएसएस की नीतियों का बिना डरे विरोध करने वालों की तरफ़ था। राहुल ने कहा, 'बहुत सारे लोग हैं जो डर नहीं रहे हैं। कांग्रेस के बाहर हैं। उनको अंदर लाओ। और जो हमारे यहाँ डर रहे हैं, उनको बाहर निकालो। आरएसएस के हो। चलो भैया जाओ। भागो। मजे लो। ज़रूरत नहीं है तुम्हारी। हमें निडर लोग चाहिए। ये हमारी आइडियोलॉजी है।'
राहुल गांध के इस बयान को ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं पर निशाना साधे जाने के तौर पर देखा जा रहा है। ये दोनों ही नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। पिछले साल तो सिंधिया कई विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे और इस वजह से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और बीजेपी ने अपनी सरकार बना ली। अब सिंधिया प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में शामिल किए गए हैं।
राहुल गांधी के इस संदेश को पार्टी के उन असंतुष्टों के लिए भी संदेश माना जा रहा है जो बागी तेवर अपनाए हुए हैं। पार्टी में पहले से ही असंतुष्ट नेताओं को 'जी-23' समूह कहा जा रहा है। इसी साल मार्च में भी 'जी-23' समूह का विवाद रहा था।
'जी-23' समूह में शामिल कई नेताओं ने पिछले साल सोनिया गांधी को ख़त भी लिखा था। कई नेताओं ने इंटरव्यू देकर खुले तौर पर पार्टी में नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे। उसके बाद से लगातार पार्टी में अंदरूनी घमासान बढ़ता ही गया था।
तब मार्च महीने में सलमान खुर्शीद ने भी जी-23 पर क़रारा हमला करते हुए उनके नाम एक खुला खत लिखा था। उन्होंने पार्टी के अंदरूनी लोकतंत्र का हवाला देते हुए कहा था कि हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ता हैं जिन्हें पार्टी से कुछ नहीं मिला है या बहुत ही कम मिला है, वे भी लोकतंत्र में यक़ीन करते हैं। उन्होंने असंतुष्टों को निशाने पर लेते हुए उन्हें दिलाया कि पार्टी के आंतरिक चुनाव सही समय पर कराए जाएँगे, यह उन्हें पता है।
सलमान खुर्शीद ने जी-23 के नेताओं को याद दिलाया था कि कांग्रेस पार्टी का पिछले 50 सालों का इतिहास बहुत ही जटिलताओं से भरा रहा है और अब उसे बीजेपी-आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति का सामना करना है। उन्होंने कहा कि पार्टी दो पाटों के बीच फँसी है, कुछ लोग यह मानते हैं कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता पर कोई समझौता कर ही नहीं सकती और कुछ लोग यह मानते हैं कि उसने धर्मनिरपेक्षता का फ़ायदा नहीं उठाया है।
अब राहुल गांधी ने भी अपने ताज़ा बयान में उसी बीजेपी-आरएसएस का ज़िक्र किया है और कहा है कि जो डर रहे हैं उन्हें छोड़कर चले जाना चाहिए।
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