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विपक्षी एकताः नीतीश लालू से मिले, आज खड़गे से मिलेंगे

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की पहल के बाद दिल्ली में विपक्षी एकता की कोशिशें जोर पकड़ गई हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस समय दिल्ली में हैं। मंगलवार को उन्होंने पूर्व सीएम और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी। आज बुधवार को वो मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने वाले हैं। इस संबंध में खड़गे ने ही नीतीश को फोन किया था और उसके बाद मुलाकात का दिन तय हुआ था। इंडियन एक्सप्रेस ने यह रिपोर्ट जेडीयू सूत्रों के हवाले से दी है। यहां यह बताना जरूरी है कि सोनिया गांधी ने मंगलवार को द हिन्दू अखबार के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली विपक्षी पार्टियों से हाथ मिलाने को तैयार है। इसका असर यह हुआ कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर फिर से पलटी मारी और नीतीश फौरन दिल्ली पहुंच गए। पहली बार विपक्षी एकता की कोशिश सही दिशा में पहुंच रही है। 

जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचे थे। वो कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों, विशेषकर क्षेत्रीय दलों के बीच की खाई को पाटने के मकसद से दिल्ली आए हैं।

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जेडीयू सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि खड़गे के फोन के बाद यात्रा की योजना बनाई गई। उन्होंने कहा कि नीतीश कांग्रेस और अन्य दलों के बीच पुल का काम करना चाहते हैं ताकि केंद्र की बीजेपी सरकार का मुकाबला करने के लिए एक मजबूत और एकजुट विपक्ष को विकल्प के तौर पर पेश किया जा सके।

दिल्ली आने के बाद मुख्यमंत्री ने सबसे पहले बिहार में अपने सहयोगी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात की। लालू के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव भी फिलहाल दिल्ली में हैं।

आरजेडी के सूत्रों ने नीतीश-लालू मुलाकात पर कहा: यह एक शिष्टाचार भेंट से कहीं ज्यादा थी। लालू प्रसाद का परिवार इस समय सीबीआई और ईडी की पूछताछ का सामना कर रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री का दौरा राजनीतिक बदले की भावना के मुद्दे पर अपने सहयोगी के साथ एकजुटता दिखाने का एक तरीका भी है।

जेडीयू के नेताओं ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान, नीतीश के खड़गे और शायद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के अलावा कई नेताओं से मिलने की उम्मीद है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पूर्व सांसद और सीनियर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा - यह राष्ट्रीय विपक्षी एकता की दिशा में नीतीश कुमार की लंबे समय से प्रतीक्षित यात्रा है। हम खुश हैं कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहला कदम उठाया, अब गेंद को आगे बढ़ाने का समय है।

खड़गे ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए वो अन्य दलों के नेताओं के संपर्क में हैं। उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के अलावा नीतीश को फोन किया था।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा - नीतीश एक ऐसे नेता हैं जो कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच एक पुल का काम कर सकते हैं। उन्हें जनता पार्टी परिवार के नेताओं के साथ काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने एनडीए के पूर्व सहयोगियों जैसे टीडीपी और टीएमसी के साथ काम किया है। उनके वामपंथी दलों के साथ भी अच्छे संबंध हैं।
अगले तीन दिनों में नीतीश समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल और शीर्ष वामपंथी नेताओं से मिलने वाले हैं। त्यागी ने कहा, लंबे समय तक हमारे राजनीतिक विरोधी रहे लालू प्रसाद के साथ गठबंधन करके, नीतीश कुमार ने क्षेत्रीय दलों को एक साफ संदेश दिया है कि वे 2024 के चुनावों में बीजेपी को हराने के बड़े कारण के लिए अपने मतभेदों को भूल जाएं।

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हालाँकि, नीतीश ने दोहराया है कि वह पीएम पद की दौड़ में नहीं हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि अधिकतम विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एक साथ आएं। वह एक विपक्षी मोर्चे पर जोर दे रहे हैं जिसमें कांग्रेस को मुख्य भूमिका निभानी चाहिए।

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क़मर वहीद नक़वी
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