कांग्रेस के नेताओं को तोड़ने में जुटी टीएमसी ने मेघालय में उसे एक और झटका दिया है। नॉर्थ गारो हिल्स जिले की ट्राइबिल काउंसिल में कांग्रेस के 11 सदस्यों ने टीएमसी का हाथ पकड़ लिया है। इससे इस काउंसिल में टीएमसी मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है।
30 सदस्यों वाली इस काउंसिल में अब कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं है। एनपीपी के पास 2 और बीजेपी के पास 17 सदस्य हैं। इन सभी नेताओं का टीएमसी की मेघालय इकाई ने स्वागत किया है।
पूर्वोत्तर के इस राज्य को खासी, जैंतिया और गारो जनजातियों के लिए बनाई गई स्वायत्त परिषदों में बांटा गया है।
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के 12 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी शामिल थे।
निश्चित रूप से इन झटकों से मेघालय में कांग्रेस और कमजोर हुई है। इससे पहले भी कई राज्यों में कांग्रेस के विधायकों ने पाला बदला है और वे दूसरे दलों में जाते रहे हैं।
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कई नेताओं को तोड़ा
बता दें कि ममता बनर्जी ने बीते दिनों असम की पूर्व सांसद सुष्मिता देव को, उत्तर प्रदेश में राजेशपति और ललितेशपति त्रिपाठी को, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता लुईजिन्हो फलेरो को टीएमसी में शामिल किया है। बिहार में कांग्रेस के बड़े चेहरे रहे कीर्ति आज़ाद को भी टीएमसी में शामिल कर लिया है। टीएमसी त्रिपुरा और गोवा में अपना विस्तार कर रही है।
शिव सेना मैदान में उतरी
लेकिन ऐसे वक़्त में जब ममता बनर्जी कांग्रेस पर हमला कर रही हैं और उसके नेताओं को तोड़ रही हैं तो इसका जवाब देने के लिए शिव सेना मैदान में उतरी है। बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब ये कहा कि यूपीए क्या है और यूपीए कुछ नहीं है, तब शिव सेना ने उन्हें जवाब दिया था।
शिव सेना अब कांग्रेस के साथ कुछ राज्यों में चुनावी गठबंधन भी कर सकती है। इस बात के साफ संकेत शिव सेना के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाक़ात के बाद दिए।
राउत ने एएनआई से कहा कि प्रियंका से उनकी मुलाक़ात बहुत अच्छी रही और हम सोच रहे हैं कि उत्तर प्रदेश और गोवा में साथ काम करें। बता दें कि इन दोनों ही प्रदेशों में चुनाव होने जा रहे हैं।
राउत ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाक़ात की थी।
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