कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने को हैं और चुनाव से पहले नीतीश कुमार के जेडीयू में बड़े बदलाव हो सकते हैं। पार्टी में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक उथल-पुथल के कयास लगाए जा रहे हैं। तो क्या ये कयास जेडीयू की शुक्रवार को दिल्ली की बैठक में बड़े बदलाव के संकेत हैं?
जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सुबह करीब 11.30 बजे शुरू होगी और जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक दोपहर 3.30 बजे शुरू होने वाली है। माना जा रहा है कि जेडीयू शुक्रवार को अपने संगठनात्मक ढांचे के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। पिछले सप्ताह से चर्चा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी पार्टी नेतृत्व की कमान संभालने की संभावना है। हाल के दिनों में ख़बरें आई हैं कि जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं, लेकिन उन्होंने इसे अफवाह बताया है।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक के लिए रवाना होने से पहले गुरुवार को नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने की ख़बरों को खारिज किया है। जब उनसे पूछा गया है कि, यह चर्चा है कि आप एनडीए में जा सकते हैं तो वह इस सवाल को टाल गए।
नीतीश ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक को रुटीन बैठक बताया है। उन्होंने कहा है कि हर वर्ष यह बैठक होती है और इस बार भी हमेशा की तरह होने जा रही है।
जेडीयू के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ललन सिंह इस तर्क पर कायम हैं कि उनका इस्तीफा पार्टी के कमजोर होने का संकेत होगा और पार्टी व विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में बाधा डालेगा। लेकिन पार्टी नेताओं का एक अन्य वर्ग नीतीश को पार्टी का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है।
हाल के दिनों में जेडीयू को लेकर लगाए जा रहे कयासों पर नीतीश कुमार ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने इसे बीजेपी की चाल बताया है। नीतीश ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा है कि बीजेपी जो नैरेटिव सेट करती है उसे आपको फॉलो करना होता है। उन्होंने कहा, 'आप अपने मैनेजमेंट से बात कर लीजिए। जो नैरेटिव सेट करना हो सेट कर लीजिए। जेडीयू एक है और एक रहेगा। आप चाहे जितनी भी ताक़त लगा लीजिए। यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक है।'
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