कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला है। सिब्बल ने कहा है कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए। कपिल सिब्बल का यह बयान पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार के तुरंत बाद सामने आया है।
इससे पहले भी हालांकि G-23 गुट के नेताओं ने चुनावी राज्यों में हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए हैं। लेकिन पिछले 3 सालों में G-23 की ओर से पहली बार इतना बड़ा बयान सामने आया है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से हट जाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा नामित की गई कोई संस्था उन्हें कभी यह नहीं बताएगी कि उन्हें सत्ता की बागडोर अब अपने हाथ में नहीं रखनी चाहिए। सिब्बल का आशय कांग्रेस की कमान संभालने को लेकर था।
यह वही G-23 गुट है जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी नेतृत्व के कामकाज को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। इस गुट के प्रमुख नेताओं में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शशि थरूर आदि शामिल हैं।
कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें चुनावी राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद और कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के द्वारा सोनिया गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताने को लेकर किसी तरह की हैरानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी के बाहर बड़ी संख्या में ऐसे नेता हैं जिनकी राय इस मामले में पूरी तरह अलग है।
बीते कई महीनों से कांग्रेस नेतृत्व पर तीखी टिप्पणियां करने वाले सिब्बल ने कहा, "मैं दूसरों की ओर से नहीं बोल सकता, यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं कि मैं सबकी कांग्रेस चाहता हूं जबकि कुछ लोग घर की कांग्रेस चाहते हैं।"
और तेज़ होंगे हमले?
पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखकर यह निश्चित रूप से माना जा रहा था कि G-23 गुट के नेता कांग्रेस नेतृत्व पर हमले तेज करेंगे और सिब्बल के बयान के बाद इसकी शुरुआत हो गई है। कुछ दिन पहले ही इस गुट के नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर मिले थे और वहां से भी इस तरह की खबरें आई थी कि इस गुट के कुछ नेताओं ने कहा कि उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के पतन के 8 साल बाद भी अगर नेतृत्व को इसकी वजहों का पता नहीं है तो यह समझा जाना चाहिए कि वह ‘कुकू लैंड’ में रह रहा है।
घर की कांग्रेस नहीं चाहता
यूपीए सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सिब्बल ने कहा कि वह घर की कांग्रेस नहीं चाहते और अपनी अंतिम सांस तक सबकी कांग्रेस के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
सिब्बल ने कहा कि सबकी कांग्रेस का मतलब सिर्फ साथ आना नहीं है बल्कि उन सब लोगों को साथ लाना है जो बीजेपी को नहीं चाहते।
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पांच राज्यों में हार के बाद भी राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग के सवाल पर सिब्बल ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, “कुछ लोगों ने अपनी बात रखी है और उनका कहना है कि ए, बी या सी के बिना कांग्रेस नहीं हो सकती। स्वाभाविक रूप से वे मानते हैं कि सबकी कांग्रेस घर की कांग्रेस के बिना नहीं चल सकती, यह बहुत बड़ी चुनौती है और यह ए, बी या सी के खिलाफ नहीं है।”
सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी पंजाब में गए और चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया, ऐसा उन्होंने किस हैसियत से किया। वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन वह सारे फैसले लेते हैं तो ऐसे में उनसे फिर से सत्ता में लौटने को या अध्यक्ष बनने के लिए क्यों कहा जा रहा है।
इस सवाल पर कि कांग्रेस नेतृत्व को अब क्या करना चाहिए सिब्बल ने कहा कि नेतृत्व को आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को किसी और को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
बेहद ख़राब प्रदर्शन
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस ने पांच चुनावी राज्यों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। पार्टी अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी किसी भी राज्य में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सकी और उसने पंजाब को भी गंवा दिया। निश्चित रूप से कांग्रेस की हालत बेहद पतली है और सिब्बल के बयान के बाद लगता है कि G-23 गुट का रूख और हमलावर होगा।
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