बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा का कहना है कि 15 लाख का भ्रष्टाचार भी भला क्या वाकई भ्रष्टाचार है। मैं 15 लाख तक के मामलों को भ्रष्टाचार नहीं मानता।
बीजेपी सांसद के मुंह से निकला यह जुमला सोशल मीडिया पर वायरल है और बीजेपी की किरकिरी ऐसे समय करा रहा है जब पार्टी यूपी समेत 5 राज्यों में चुनाव का सामना करने जा रही है।
बीजेपी सांसद ने यह बयान मध्य प्रदेश के रीवां में एक कार्यक्रम के दौरान दिया था।

जुमलेबाज सांसद
बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा अपनी जुमलेबाजी के लिए मशहूर हैं। लेकिन इस बार 15 लाख का जिक्र आने से मामला थोड़ा गंभीर हो गया है।
क्या कहा जनार्दन ने
रीवां के कार्यक्रम में सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि जब कोई मेरे पास किसी सरपंच का 15 लाख रुपये के भ्रष्टाचार का मामला लेकर आता है तो मैं उनसे मजाक में कहता हूं कि इतनी राशि के मामले की शिकायत मुझसे मत किया करें।
अपने इस जुमले को सही ठहराने के लिए वो अजीबोगरीब तर्क भी देते हैं।
सांसद कहते हैं कि सरपंच ने पिछले चुनाव में कम से कम 7 लाख रुपये तो खर्च किये ही होते हैं। इतनी महंगाई है तो उस पर 7 लाख और जोड़ लीजिए। फिऱ उसमें एक लाख और डाल दीजिए। 15 लाख इस तरह हो गए। ये कोई भ्रष्टाचार नहीं है।
कार्यक्रम में बैठे लोग सांसद के इस बयान पर हंसते रहे।
सांसद के बयान को अगर मजाक ही मान लिया जाए तो क्या सार्वजनिक कार्यक्रमों में जिम्मेदार लोगों की जुबान से ऐसे अजीबोगरीब तर्क निकलने चाहिए।
अपनी राय बतायें